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Showing posts from March, 2019

भौगोलिक परिस्थितियां [GEOGRAPHICAL CIRCUMSTANCES ]

          भौगोलिक परिस्थितियां  एशिया महाद्वीप के दक्षिण में स्थित भारत( पाकिस्तान और बांग्लादेश के निर्माण के पूर्व का क्षेत्र) स्वयं एक उपमहाद्वीप है|इसके भू क्षेत्र की पूर्व से पश्चिम तक की लंबाई लगभग 2,933 किमी. और उत्तर से दक्षिण तक की लंबाई लगभग 3,214 किमी.है| इस की स्थल सीमा लगभग 9,600 किमी. लम्बी और और इसका समुद्र तट लगभग 7,516 किमी. लम्बा है| इसके उत्तर में लगभग 2400 किलोमीटर लंबी और लगभग 240 किलोमीटर से 320 किलोमीटर तक चौड़ी हिमालय पर्वत कीश्रंखलाएँ हैं| हिमालय की बहुत अच्छी है और इसका सबसे ऊंचा शिखर गौरीशंकर अथवा एवरेस्ट  (नेपाल में सागरमाथा) विश्वव के पर्वत शिखरों में सर्वोच्च है,जिसकी ऊंचाई 8848 मीटर है| कश्मीर से लेकर असम तक फैली हुई हिमालय की इस पर्वत श्रृंखला ने भारत को उत्तर में एक सुदृढ़ प्राचीर प्रदान की है|

भारत की भौगोलिक दशा (इसका भारत के इतिहास, सभ्यता तथा संस्कृति पर प्रभाव )GEOGRAPHICAL CONDITION OF INDIA (ITS EFFECT ON INDIAN HISTORY, CIVILIZATION AND CULTURE )]

              भारत की भौगोलिक दशा  (इसका भारत के इतिहास, सभ्यता तथा संस्कृति पर प्रभाव ) ------------------------------------------------------------- भारतीय इतिहास, सभ्यता और संस्कृति को विश्व के प्राचीनतम इतिहास, सभ्यता तथा संस्कृति में विशिष्ट एवं अद्वितीय स्थान प्राप्त है|भारतीय सभ्यता प्राचीनतम ही नहीं वरन गौरवपूर्ण एवं प्रगतिशील रही है| आज जबकि विश्व की अन्य अनेक प्राचीन सभ्यताएं नष्ट हो चुकी हैं, वहीं प्राचीन भारतीय सभ्यता जीवित ही नहीं अपितु आधुनिक युग में उपयोगी भी है|भौतिकवाद के इस युग में मनुष्य-समाज के बढ़ते हुए मानसिक तनाव और अंतर्द्व्न्द का एकमात्र समाधान हिन्दू-दर्शन (Philosophy) और हिन्दू - आध्यात्मवाद (Spiritualism)    प्रदान  करता है| जो भारतीय संस्कृति की अपनी की अपनी एक पृथक विशेषता है | भारतीय संस्कृति की यह विशेषता बहुत कुछ भारत की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण भी है| प्रकृति (Nature) संघर्ष करते हुए अथवा उससे उपलब्ध साधनों से लाभान्वित होते हुए जिस प्रकार प्रत्येक जन समूह अथवा देश किसी ना किसी प...