भारत की भौगोलिक दशा (इसका भारत के इतिहास, सभ्यता तथा संस्कृति पर प्रभाव )GEOGRAPHICAL CONDITION OF INDIA (ITS EFFECT ON INDIAN HISTORY, CIVILIZATION AND CULTURE )]
भारत की भौगोलिक दशा
(इसका भारत के इतिहास, सभ्यता तथा संस्कृति पर प्रभाव )
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भारतीय इतिहास, सभ्यता और संस्कृति को विश्व के प्राचीनतम इतिहास, सभ्यता तथा संस्कृति में विशिष्ट एवं अद्वितीय स्थान प्राप्त है|भारतीय सभ्यता प्राचीनतम ही नहीं वरन गौरवपूर्ण एवं प्रगतिशील रही है| आज जबकि विश्व की अन्य अनेक प्राचीन सभ्यताएं नष्ट हो चुकी हैं, वहीं प्राचीन भारतीय सभ्यता जीवित ही नहीं अपितु आधुनिक युग में उपयोगी भी है|भौतिकवाद के इस युग में मनुष्य-समाज के बढ़ते हुए मानसिक तनाव और अंतर्द्व्न्द का एकमात्र समाधान हिन्दू-दर्शन (Philosophy) और हिन्दू - आध्यात्मवाद (Spiritualism) प्रदान करता है| जो भारतीय
संस्कृति की अपनी की अपनी एक पृथक विशेषता है | भारतीय संस्कृति की यह विशेषता बहुत कुछ भारत की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण भी है| प्रकृति (Nature) संघर्ष करते हुए अथवा उससे उपलब्ध साधनों से लाभान्वित होते हुए जिस प्रकार प्रत्येक जन समूह अथवा देश किसी ना किसी प्रकार से प्रभावित होता है और उसी प्रकार भारत के प्राकृतिक एवं भौगोलिक परिस्थितियों ने भी उसके इतिहास सभ्यता और संस्कृति को विभिन्न प्रकार से प्रभावित किया है|
उदाहरणार्थ, उत्तर भारत के विस्तृत भू-प्रदेश की उर्वरा शक्ति को नदियों द्वारा आवागमन और सिंचाई की सुविधा ने वहां के नागरिकों को आर्थिक संपन्नता प्रदान की जिसके कारण बड़े साम्राज्यों का निर्माण सर्वप्रथम वहीं संभव हुआ मगध की सीमाओं में लोहे की उपलब्धि ने उसे शस्त्र निर्माण की सुविधा प्रदान की जिससे मगध में ही सर्वप्रथम शक्तिशाली साम्राज्य का निर्माण हुआ मगध के शासकों का दक्षिण भारत को जीतने का प्रयास संभव होता है वहां उपलब्ध सोना और हीरो की खानों को प्राप्त करने के लिए किया गया नदियों के तटों पर नगरों के निर्माण का एक मुख्य कारण नदियों द्वारा आवागमन और व्यापारिक सुविधा का उपलब्ध होना रहा,आदि |
संस्कृति की अपनी की अपनी एक पृथक विशेषता है | भारतीय संस्कृति की यह विशेषता बहुत कुछ भारत की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण भी है| प्रकृति (Nature) संघर्ष करते हुए अथवा उससे उपलब्ध साधनों से लाभान्वित होते हुए जिस प्रकार प्रत्येक जन समूह अथवा देश किसी ना किसी प्रकार से प्रभावित होता है और उसी प्रकार भारत के प्राकृतिक एवं भौगोलिक परिस्थितियों ने भी उसके इतिहास सभ्यता और संस्कृति को विभिन्न प्रकार से प्रभावित किया है|
उदाहरणार्थ, उत्तर भारत के विस्तृत भू-प्रदेश की उर्वरा शक्ति को नदियों द्वारा आवागमन और सिंचाई की सुविधा ने वहां के नागरिकों को आर्थिक संपन्नता प्रदान की जिसके कारण बड़े साम्राज्यों का निर्माण सर्वप्रथम वहीं संभव हुआ मगध की सीमाओं में लोहे की उपलब्धि ने उसे शस्त्र निर्माण की सुविधा प्रदान की जिससे मगध में ही सर्वप्रथम शक्तिशाली साम्राज्य का निर्माण हुआ मगध के शासकों का दक्षिण भारत को जीतने का प्रयास संभव होता है वहां उपलब्ध सोना और हीरो की खानों को प्राप्त करने के लिए किया गया नदियों के तटों पर नगरों के निर्माण का एक मुख्य कारण नदियों द्वारा आवागमन और व्यापारिक सुविधा का उपलब्ध होना रहा,आदि |
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